विभागाची उद्दिष्टे व ध्येय :- तांत्रिक कामाचे उद्दिष्ट १००% पूर्ण केले जाते. शेतकर्यांकच्या आजारी जनावरांवर वेळेत औषधोपचार करुन मौल्यवान जनावरांचा जीव वाचविणे, तसेच निरनिराळया रोगांवर प्रतिबंधक लसीकरण करणे, माजावर आलेल्या गायींवर कृत्रिम रेतन करुन संकरीत वासरांची पैदास करणे. विविध पशुसंवर्धन विषयक प्रशिक्षण देणे.
पशुसंवर्धन विभागाकडील महत्वाच्या व्यक्ती व त्यांचे कार्यक्षेत्र
अ. क्र. | व्यक्तीचे पदनाम | नांव | कार्यक्षेत्र |
१. | मा.प्रधान सचिव, पशुसंवर्धन, दुग्धव्यवसाय विकास, मत्स्यव्यवसाय विभाग, मंत्रालय मुंबई ३२ |
मा. श्री.बिजय कुमार | महाराष्ट्र राज्य |
२. | मा. आयुक्त पशुसंवर्धन महाराष्ट्र राज्य पुणे-१ | मा. श्री. कांतीलाल उमाप | महाराष्ट्र राज्य |
३. | मा. प्रादेशिक पशुसंवर्धन सहआयुक्त, पुणे विभाग, पुणे-७ | मा.डॉ.सुनिल राऊतमारे | पुणे विभाग. |
४ | मा. जिल्हा पशुसंवर्धन उपआयुक्त, कोल्हापूर | मा. डॉ. एस एस बेडक्याळे | कोल्हापूर जिल्हा |
५. | मा. जिल्हा पशुसंवर्धन अधिकारी जिल्हा परिषद | मा.डॉ एस.एच.शिंदे . | कोल्हापूर जिल्हा. |
पशुसंवर्धन विभागाची कार्यपध्दती
जिल्हा पशुसंवर्धन अधिकारी, जि. प. कोल्हापूर | ||
पंचायत समिती तालुका प्रमुख | तालुक्यातील पशुवैदयकिय दवाखाने श्रेणी-१ | तालुक्यातील पशुवैदयकिय दवाखाने श्रेणी-२ |
पशुधन विकास अधिकारी (विस्तार) | पशुधन विकास अधिकारी (प्रमुख) | सहा. पशुधन विकास अधिकारी (प्रमुख) किंवा पशुधन पर्यवेक्षक (प्रमुख) |
पशुधन पर्यवेक्षक (मदतनीस) | व्रणोपचारक (मदतनीस) | परिचर (मदतनीस) |
परिचर (मदतनीस) |